मेरी किताब में जायका है – मीता कपूर

Rajasthan Patrika, 30 November 2010

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जयपुर। किताबें जीवन है। ये नजरिया विकसित करती हैं। मुद्दों को समझने की नई दृष्टि पैदा करती हैं। सबसे अच्छी दोस्त भी होती हैं। लोगों को सभी विषयों की किताबें पढ़नी चाहिए। जीवन से जुडे हर पहलू पर। साथ ही बच्चों में भी पढ़ने की आदत डालनी चाहिए। टेक्नोलॉजी के दौर में भले ही बच्चे हर समय विडियो गेम्स, कम्प्यूटर और इंटरनेट में बिजी रहते हों लेकिन पैरेंट्स को अपने बच्चों में रीडिंग हैबिट डेवलप करनी चाहिए। सियाही की संस्थापक और सीईओ मीता कपूर ने अपनी किताब “द-एफ वर्ड” की लॉन्चिग से पहले पत्रिका डॉट कॉम से बातचीत में अपने ये विचार व्यक्त किए। 

अपनी पहली किताब पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि “एफ” से उनका तात्पर्य “फूड” से है जिसमें दुनिया भर के तरह-तरह के व्यंजनों को समाहित किया गया है। मीता ने बुक को अपने बच्चों को तोहफे के रूप में देने के साथ ही इसे अपने पति को समर्पित किया है। उन्होंने कहा कि उनकी किताब में दुनिया भर के लजीज व्यंजनों तक पहुंचने का जायका मौजूद है।

रियल लाइफ पर केन्द्रित

मीता ने बताया कि “द-एफ वर्ड” उनकी फैमिली की रियल लाइफ की कहानियों पर ही आधारित है। इसमें कुछ भी इमेजनरी नहीं है। हम खाने को लेकर जिन चीजों को वास्तवकि जिंदगी में फेस करते हैं उन्हीं अनुभवों को मैंने अपनी बुक में लिखा है। बुक में छोटी-छोटी कहानियों के साथ ही कई रेसिपीज का समावेश किया गया है।

इसमें हर आयु वर्ग के लोगों को ध्यान में रखते हुए रेसिपी चुनी गई हैं। वर्तमान समय में भागमभाग जिन्दगी में जॉब करने वाली वुमेन के लिए भी फटाफट बनने वाली स्पेशल रेसिपी को भी लिया है। मीता ने कहा कि जिन लोगों को खाना बनाने का शौक है, उनके लिए भी यह बुक उपयोगी साबित होगी।

लिट्रेचर फेस्टिवल का बेसब्री से इंतजार

मीता ने कहा कि उन्हें जनवरी महीने का बेसब्री से इंतजार है। वाकई में यह बहुत बेहतरीन फेस्टिवल है। आगामी 21-25 जनवरी लिट्रेचर फेस्टिवल आयोजित होने जा रहा है जिसे लेकर मैं बहुत उत्सुक हूं। इस फेस्टिवल में कई नामचीन लेखक आ रहे हैं जिनसे मुलाकात का इंतजार है। 

मीता ने बताया कि इस फेस्टिवल में मेरे भी सेशन हैं जिसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। मीता वर्ष 2006 के जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल में सह निदेशक और 2007 में निदेशक रही थीं। 

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